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आयुर्वेद में कायचिकित्सा का महत्व

आयुर्वेद एक जीवन शास्त्र है। स्वस्थ्य के स्वास्थ्य की रक्षा तथा आतुर के विकार का प्रशमन, ये ही आयुर्वेद के दो मुख्य उद्देश्य हैं। कायचिकित्सा अष्टांङ्ग आयुर्वेद का मुख्य अंग है। हमेशा से ही यह आयुर्वेद का सबसे महत्वपूर्ण एवं जीवन्त अंग रहा है। ‘काय’ शब्द सर्वशरीर, अन्तराग्नि तथा सम्पूर्ण चयापचय व्यापार को परिलक्षित करता

आयुर्वेद की परिभाषा, उत्पति और इतिहास भाग २

आयुर्वेद की परिभाषा, उत्पति और इतिहास भाग २ “यह निर्विवाद सत्य है कि सत्य को कोई छिपा नहीं सकता। अंतिम निर्णय भी वही होता है, जो सत्य पर आधारित होता है। सारांश यह है कि सत्य की सदैव विजय होती है। ‘सत्ये नास्ति भयं कचित’ इस उक्ति के अनुसार सत्य को किसी भी प्रकार का

आयुर्वेद की परिभाषा, उत्पति और इतिहास भाग १

आयुर्वेद की परिभाषा, उत्पति और इतिहास भाग १ आयुर्वेद अत्यंत प्राचीन शास्त्र है। वास्तव में, प्राचीन आचार्यों ने इसे ‘शाश्वत’ कहा है और इसके लिए तीन अकाट्य युक्तियाँ दी हैं: ‘सोऽयमायुर्वेदः शाश्वतो निर्दिश्यते’ – आयुर्वेद शाश्वत है।‘अनादित्वात्’ – यह अनादि है।‘स्वभावसंसिद्धलक्षणत्वात्’ – इसके स्वभाव में जन्मजात विशेषताएँ हैं।‘भावस्वभावनित्यत्वात्’ – इसका स्वभाव निरंतर रहता है। आयुर्वेद को